लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥ शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें। थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें। भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल https://shivchalisas.com